INX मीडिया केसः हाई कोर्ट ने चिदंबरम की ज़मानत याचिका ख़ारिज की
दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी है.
वो आईएनएक्स मीडिया केस में अभियुक्त हैं. इस केस की जांच सीबीआई कर रही है. आईएनएक्स मीडिया से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में अभियुक्त बनाए गए चिदंबरम ने अग्रिम ज़मानत के लिए हाई कोर्ट में अपील की थी.
सीबीआई के साथ ही इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज किया गया था, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है.
हाई कोर्ट के फ़ैसले के बाद सीबीआई और ईडी पी चिदंबरम की गिरफ़्तारी कर सकती है. हाई कोर्ट में ज़मानत याचिका ख़ारिज होने के बाद उनके पास गिरफ़्तारी से बचने के लिए एकमात्र रास्ता सुप्रीम कोर्ट का है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ पी चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.
उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में उनका पक्ष वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल रखेंगे. उनका कहना है कि बुधवार की सुबह वो मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे.
मीडिया कंपनी आईएनएक्स के ख़िलाफ़ सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक एफ़आईआर दर्ज की थी.
आरोप है कि आईएनएक्स को फ़ायदा पहुंचाने के लिए विदेशी निवेश को स्वीकृति देने वाले विभाग फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफ़आईपीबी) ने कई तरह की गड़बड़ियां की थीं.
जब कंपनी को निवेश की स्वीकृति दी गई थी उस समय पी. चिदंबरम वित्त मंत्री हुआ करते थे.
पी चिदंबरम के अलावा उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के ख़िलाफ़ ये आरोप हैं कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के ख़िलाफ़ संभावित जांच को रुकवाने के लिए 10 लाख डॉलर की मांग की थी.
सीबीआई का कहना था कि आईएनएक्स मीडिया की पूर्व डायरेक्टर इंद्राणी मुखर्जी ने उनसे पूछताछ में कहा था कि कार्ति ने पैसों की मांग की थी.
जांच एजेंसी के मुताबिक़ ये सौदा दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में तय हुआ था.
इंद्राणी मुखर्जी अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में जेल में हैं.
भारतीय सिनेमा के दिग्गज संगीतकार मोहम्मद ज़हूर ख़य्याम हाशमी का सोमवार रात साढ़े नौ बजे 93 साल की उम्र में निधन हो गया.
पिछले कुछ समय से सांस लेने में दिक़्क़त के कारण उनका मुंबई के जुहू में एक अस्पताल में इलाज चल रहा था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत फ़िल्म, कला, राजनीति और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने ख़य्याम के निधन पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी है.
ख़य्याम संगीतकार रहमान के साथ मिलकर संगीत देते थे और जोड़ी का नाम था शर्मा जी और वर्मा जी. वर्मा जी यानी रहमान पाकिस्तान चले गए तो पीछे रह गए शर्मा जी.
बात 1952 की है. शर्मा जी कई फ़िल्मों का संगीत दे चुके थे और उन्हें ज़िया सरहदी की फ़िल्म फ़ुटपाथ का संगीत देने का मौक़ा मिला.
दिलीप कुमार पर फ़िल्माया गया गाना था -"शाम-ए-ग़म की क़सम आज ग़मगी हैं हम, आ भी जा, आ भी जा आज मेरे सनम..."
दूरदर्शन की एक पुरानी इंटरव्यू में ख़य्याम बताते हैं, "एक दिन बातों का दौर चला तो ज़िया सरहदी ने पूछा कि आपका पूरा नाम क्या है. मैंने कहा मोहम्मद ज़हूर ख़य्याम. तो उन्होंने कहा कि अरे तुम ख़य्याम नाम क्यों नहीं रखते. बस उस दिन से मैं ख़य्याम हो गया."
इन्हीं ख़य्याम ने फ़िल्म कभी-कभी, बाज़ार, उमराव जान, रज़िया सुल्तान जैसी फ़िल्मों में बेहतरीन संगीत दिया.
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